- लड़कियों की ‘नीलामी’ पर एनसीडब्ल्यू लिया संज्ञान, गठित की तथ्यान्वेषी टीम

नई दिल्ली । राजस्थान में लड़कियों की नीलामी को लेकर उठे बवाल के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने संज्ञान लेते हुए यहां के भीलवाड़ा जिले में कर्ज चुकाने के लिए लड़कियों की 'नीलामी' के आरोपों की जांच के संबंध में शुक्रवार को दो सदस्यीय तथ्यान्वेषी टीम का गठन किया है। आयोग ने कहा कि उसने मीडिया में आई कई खबरों का संज्ञान लिया जिनमें कहा गया है कि भीलवाड़ा में कर्ज अदायगी के विवादों को निपटाने के लिए लड़कियों की नीलामी की जा रही है। आयोग ने कहा कि खबरों के अनुसार कई मामलों में स्टांप पेपर पर लिखवाकर लड़कियों को वेश्यावृत्ति के लिए बेच दिया जाता है। कुछ मामलों में, विवादों के निपटारे के लिए ‘खाप’ (जाति) पंचायतों के फरमान पर उनकी माताओं के साथ बलात्कार किया जाता है। आयोग ने अपने बयान में इन अपराधों को ‘बेहद भयावह और दर्दनाक’ बताया और कहा कि उसने इस मामले पर गौर करने के लिए दो सदस्यीय तथ्यान्वेषी टीम का गठन किया है। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने राजस्थान के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। शर्मा ने मुख्य सचिव से आयोग को की गई कार्रवाई से अवगत कराने को भी कहा है। आयोग ने राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को तत्काल संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने और आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए भी लिखा है। पत्र की एक प्रति पुलिस अधीक्षक (एसपी) भीलवाड़ा को भेजी गई है। शीर्ष बाल अधिकार निकाय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो भी आरोपों की विस्तृत जांच करने के लिए सात नवंबर को भीलवाड़ा जाएंगे। कानूनगो ने कहा कि वह इसमें संलिप्त लोगों और प्रभावित गांवों की जांच करेंगे।

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