- एप्पल में धोखाधड़ी करने वाले पूर्व कर्मचारी को तीन साल की सजा

- ब्याज समेत लौटाने होंगे 155 करोड़, 10 साल तक कर्मचारी देता रहा धोखा नई दिल्ली । दुनिया की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी ऐपल के पूर्व कर्मचारी को धोखाधड़ी करने की सख्त सजा मिली है। ऐपल में काम करने वाले भारतीय मूल के व्यक्ति को धोखा देने और टैक्स से जुड़े अपराधों की साजिश रचने का दोषी पाए जाने पर तीन साल की सजा हुई है। इतना ही नहीं इस कर्मचारी को 19 मिलियन अमेरिकी डॉलर (155 करोड़ रुपए) का भुगतान करने का आदेश दिया गया है। भारतीय मूल के कर्मचारी 55 वर्षीय धीरेंद्र प्रसाद को कंपनी को धोखा देने और 17 मिलियन डॉलर की चपत लगाए जाने का का दोषी पाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धीरेंद्र प्रसाद 2008 से 2018 तक एप्पल का कर्मचारी रहा। यह ग्लोबल सर्विस सप्लाई चैन में काम करता था और वेंडर्स से पार्ट्स और सर्विसेज की खरीद करता था। यह कर्मचारी रिश्वत लेता, इनवॉयस में छोड़छाड़ करता, आईफोन के पार्ट-पुर्जे की चोरी करता और इसका पेमेंट ऐपल से लेता था। धीरेंद्र ने पकड़े जाने पर अपने अपराधों को कबूल कर लिया है। धीरेंद्र ने ऐपल को करीब 139 करोड़ रुपए का चूना लगाया। वह ऐपल के पुराने डिवाइस को ठीक करने के लिए पुर्जे खरीदने से लेकर कई काम करता था। इसके अलावा आईफोन व ऐपल के दूसरे प्रोडक्ट के ऐसे पुराने डिवाइस जो वारंटी में होते थे उसे भी खरीदता था। इसके लिए उसने दो कंपनियों के साथ डील कर रखी थी और ये कंपनियां ऐपल को पार्ट्स बेचती हैं। इन कंपनियों के पार्ट्स खरीदकर धीरेंद्र अपनी जेब भर रहा था। धोखाधड़ी के इस पूरे खेल में रॉबर्ड गैरी हैनसेन और डॉन एम बेकर ने धीरेंद्र की मदद की। इस मामले में मार्च 2022 में धीरेंद्र पर आरोप लगा और बाद में धोखा देने की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया।

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